रंग

मकड़ी जैसे मत उलझो तुम गम के ताने बाने में,
तितली जैसे रंग बिखेरो हँस कर इस ज़माने में..

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तुम मिले

चलते-चलते हम साथ हो लिए, तुम मिले एक साँस हो लिए, ज़ज्बातों को पी लिए और, रस्मो को साथ ले लिए,तुम मिले, शर्म औ हया…

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