Related Articles
रक्षा- बंधन – बहन भाई से बोली
एक बार रक्षा-बंधन के त्योहार में, बहन भाई से बोली बड़े प्यार में मेरी रक्षा करना तुम्हारा फ़र्ज़ है क्योंकि तुम पर इस रेशम की डोरी का क़र्ज़ है भाई भी मुस्कुरा कर बोला बहन के सिर पर हाथ रख कर तुम्हारी इज़्ज़त की रक्षा कारूँगा मैं अपनी जान हथेली पर रखकर यह सुना बहन ने तो बोली थोड़ा सा सकुचा कर यह इक्कीसवीं सदी का जमाना है भाई अपनी इज़्ज़त की रक्षा तो मैं खुद कर सकती हूँ मुझे तुम्हारी जान नहीँ पैसा ही नज़राना है भाई अगर बहन की इज़्ज़त चाहिए तो कलर टी. वी मेरे घर पंहुचा देना इस बार तो इतना ही काफ़ी है फिर स्कूटर तैयार रख लेना वी.सी.डी. भी दो तो चलेगा फिर मेरे रूम में…
रक्षाबंधन
1: रक्षाबंधन रक्षासूत्र सिर्फ एक धागा नहीं, अटूट स्नेह प्यार विश्वास समर्पण का व्यवहार । रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट स्नेह का त्यौहार ।। भरोसा…
भाई तू Mehta की जान है
भाई तू Mehta की जान है जीवन का वह अनमोल पल होते हैं जो लौट कर कभी नहीं आते है बस यादें साथ रह जाती…
मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
लाल चौक बुला रहा हमें, तिरंगा फहराने को
सिहासन के बीमारों ,कविता की ललकार सुनो। छप्पन ऊंची सीना का उतर गया बुखार सुनो। कश्मीर में पीडीपी के संग गठजोड किये बैठे हैं। राष्ट्रवाद…
सुंदर भावना के साथ बहुत सुंदर कविता
Thank you Geeta ji
रक्षाबंधन पर सुंदर कविता
धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद
वाह बहुत बढ़िया
धन्यवाद