Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
…….गुज़र जाएगा…..
( दुनियां ) एक सोच में डूबी हूँ क्या करूँ और किस काम को छोड़ दूं…. महाकाल , भयावह काल , कोरोना काल का यह…
सच में सब कुछ बदल गया
सच में सब कुछ बदल गया इंसान का जुबान बदल गया राजाओ की कहानी बदल गया अल्हड़ मदमस्त जवानी बदल गया यारो की यारी बदल…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
कदम बढ़ा, कदम बढ़ा
हिम्मत न हार, जीत पा कदम बढ़ा, कदम बढ़ा मंजिलें स्वयं तेरे कदम पे लोट जायेंगी। राह है कठिन मगर तू हौसला भी कम न…
कहे कलम तुम आज न खोना कल के गम में,
बीते से लो सीख, रखो मत संशय मन में।
_______बीते दिनों से सीख लेने के बारे में बताती हुई और वर्तमान की अहमियत को समझाती कवि सतीश जी की दोहा छंद में बहुत ही सुंदर और प्रेरक पंक्तियां।लाजवाब रचना
बहुत ही उम्दा
Nice very nice poem
Nice poem
अतिसुंदर भाव