रद्दी है सरकार…..
रद्दी है सरकार
बदल डालो तुम इसको
सिस्टम है लंगड़ा
पकड़ा लाठी दो उसको
विकलांग हो गई सोंच
सोंच को बदलो अपनी
वोट की खातिर तुम
जान जोखिम में ना डालो अपनी
क्या हो गया भला
तुम्हारा इन नेताओं से
घर में रहो सुरक्षित
बहिष्कृत करो इन्हें जग से
कोरोना हो गया तो क्या
तुम जी पाओगे ?
नेता होंगे विजयी भला तुम क्या पाओगे ????
सुंदर अभिव्यक्ति
Thanks
अतिसुंदर रचना
धन्यवाद
आपकी कविता अति उत्तम है। सच्चाई के जीता जागता आईना है।
बहुत-बहुत धन्यवाद