रात है लेकिन न घबरा
रात है लेकिन न घबरा,
कल सुबह निश्चित उगेगी,
कर्म के बीजों को बो ले,
मंजिल तुझे निश्चित मिलेगी ।
भाग्य पर तू छोड़ मत दे,
प्रारब्ध पर निर्भर न रह,
हारने के भाव मत ला
जीत लूँगा रोज कह।
अंतस में तेरे शक्ति है
तू शक्ति का उपयोग कर,
कर्म से मत डिग कभी भी
जोश खुद में खूब भर।
स्वेद से जो प्यास अपनी
दे बुझा, ऐसा तू बन,
खूब चौके खूब छक्के
तू बना दे सैकड़ों रन।
परिश्रम की राह पर चलने को प्रेरित करती हुई बहुत सुन्दर रचना।
बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत ही सुंदर रचना
बहुत धन्यवाद
कर्म करने की प्रेरणा देती हुई बहुत सुंदर कविता
सादर धन्यवाद
Very inspirational poem
बहुत बहुत धन्यवाद
प्रेरणादायक संदेश देती रचना
धन्यवाद