रास्ते की दूरियाँ
रास्ते की दूरियों से,
फ़र्क नहीं पड़ता है कोई।
बस, दिलों में दूरियाँ
न होनी चाहिएं।
एक सुखद सन्देश से ही,
मन हो जाता है प्रसन्न
बस, वह सन्देश हमें
मिलते रहना चाहिए।
दोस्त बनाते हैं हम सभी,
केवल अपनी मर्जी से ही
दोस्त बनाने में कोई,
मजबूरियाँ न होनी चाहिए।
रास्ते की दूरियों से,
फ़र्क नहीं पड़ता है कोई।
बस, दिलों में
दूरियाँ न होनी चाहिएं॥
______✍गीता
बहुत सुंदर रचना। कवि ने मानवीय सुखद रिश्तों का सुन्दर चित्रण किया है वाह।
इस उच्च स्तरीय और प्रेरक समीक्षा हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी
अति सुन्दर
बहुत-बहुत धन्यवाद ऋषि भाई
अतिसुंदर
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी🙏