रिश्तों का जुड़ना

रिश्तों का जुड़ना
कभी टूटी हड़ियों का , जुड़ना देखा है क्या ?
टूटे हुए दोनों हिस्सों को , साथ में रख,
श्वेत सीमेंट की लेप लगा , श्वेत कपड़े की खेप लगा ,
खयाल सिर्फ़ इतना कि , कोई ठोकर ना लगे I
कभी टूटे हुए रिश्तों का , दर्द सहा है कभी ?
समझ आता है अब , टूटे रिश्तों को जोड़ पाना ,
विश्वास के सीमेंट की लेप , प्यार के धागे की खेप ,
खयाल सिर्फ़ इतना कि , कोई ठोकर ना लगे I
समझ आता है अब , टूटे हुए रिश्तों का सच I
विश्वास का सीमेंट लग न पाया होगा ,
या प्यार की डोरी क्च्ची लग गई होगी ,
या शायद रिश्तों के पकने से पहले ,
कोई ठोकर लग गई होगी I
समझ आता है अब , हर पक्के रिश्ते का सच I
विश्वास , प्यार और पल–पल सजीव मन I
यूई अब कोई रिश्ता टूटने ना पाएगा I
और हर टूटा हुआ रिश्ता भी बंध जाएगा I
………. यूई
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