लम्हे
लम्हें
—–
कुछ गहरे घाव से दुखते होंगे,
कुछ गहरे तंज जो आज भी चुभते होंगे।
कुछ वक्त के मरहम से भर चुके होंगे,
कुछ सुगंधित फूल से महकते होंगे।
कुछ लम्हें तोहमतें,
कुछ तोहफों से जंचते होंगे।
कुछ लम्हें ख्वाबों के उड़ानों के,
कटे पंखों से भी उड़ते होंगे।
कुछ लम्हें बंजारे तो कुछ बेहद दिलकश लगते होंगे।
खट्टी-मीठी सी जिंदगी
के सारे पन्ने,
कभी कड़वे तो कभी रसीले लगते होंगे।
चलो कुछ कड़वापन भुलाते हैं,
मीठे लम्हों की कश्ती के चप्पू चला कर…
ए जिंदगी कहीं दूर निकल जाते हैं।
निमिषा सिंघल
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 7, 2021, 9:22 pm
सुंदर