वजूद

आंखों की यह पलकें झपका के तो दिखा
सच बताऊ यह भी ना कर पाएगा।

उस परमात्मा के कारण ही तेरा वजूद है
उसके बिना, मिट्टी में मिल जाएगा।

यह पैसा, यह शरीर सब नाशवान हैं
कुछ भी साथ ना जाएगा।

मरने के बाद भी, कुछ लोगो की जरूरत होगी
नहीं तो “सुखबीर” शमशान कैसे जाएगा।

 

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