वर्ष की आखिरी रात है
वर्ष की आखिरी रात है
थर्टी फर्स्ट मना रहे हैं लोग,
मुर्गियां, बकरियां काट कर
खुशियां मना रहे हैं लोग।
किसी का नया वर्ष आ रहा है
किसी प्राणी का सब कुछ
जा रहा है,
ठहाके लगा रहे हैं लोग
थर्टी फर्स्ट मना रहे हैं लोग।
जान लेकर नववर्ष की
खुशियां मना रहे हैं लोग।
बहुत ही निन्दनीय बात है कि किसी जीव को मेरा जाए। ऐसे लोगों पर
अच्छा व्यंग्य
जीवों पर दया दिखाती हुई बहुत सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी
जीव हत्या पाप है.
मुझे समझ नहीं आता किसी की जान लेकर कोई खुशी और आनन्द कैसे पा सकता है??
बहुत सुंदर