Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ
कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान”
“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” ———————————- एक बेटी को शिक्षित करने से दो कुल शिक्षित हो जाते हैं। फिर भी ना जाने क्यों लोग अपनी बेटियों…
आजाद तेरी आजादी
भारत मां के अमर पुत्र “चन्द्रशेखर आजाद” की पुण्य तिथि पर मेरी एक तुच्छ सी रचना l रचना का भाव समझने के लिये पूरी रचना…
भोजपुरी कविता- राजनीति होखे के चाही |
भोजपुरी कविता- राजनीति होखे के चाही | केहु मरे चाहे जिये राजनीति होखे के चाही | केहु आबरू लूट जाये राजनीति होखे के चाही |…
मार्मिक विषय पर यथार्थ चित्रण
मार्मिक अभिव्यक्ति
बेटियों पर यथार्थ रचना
Very good
यथार्थ चित्रण किया है आपने
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद 🙏,