विचार – २
(2)
लिखने मात्र से कुछ न होगा
उसपे चलना तुम्हारी कवित्व को निखारेगा।।1।।
सारी कृतियां समय व प्रस्तिथि कि देन हैं
लोग अहम् – भाव के कारण अपना समझ बैठे हैं ।।2।।
एक से अनेक को संसार कहते हैं
और एक में लय होना प्रलय ।।3।।
अच्छाई की शुरुआत
बुराई का अंत हैं
ये इतना आसान नहीं
पर इतना कठिन भी नहीं हैं ।।4।।
तुम जैसे रहोगे
तुम्हें वैसे हि लोग मिलेंगे ।।5।।
📜✍️ विकास कुमार
Responses