वीर शहीद
ह्रदय कांप उठा,
देखकर एक तस्वीर
बर्फ की पहाड़ियां थी,
एक मशीन गन जंग खाए पड़ी थी
वहां मौत मुंह बाए खड़ी थी
कुछ वीर जांबाज़ों के थे शव
शव क्या कंकाल ही थे,
उनके वस्त्र भी फटे हाल ही थे
वीर सैनिकों की वर्दी पहने,
पड़े हुए थे उनके कंकाल
हो गए थे सालों साल
किसी का पैर किसी का हाथ
पड़े हुए थे सारे साथ
यह दृश्य देख..
अश्रु गिर पड़े गाल पर
शहीदों के इस हाल पर
उन्हें देख कर कई उठे प्रश्न,
वीर शहीदों को है नमन
______✍️गीता
जय हिंद, वास्तविकता का मार्मिक चित्रण। शहीदों को शत शत नमन
बहुत-बहुत धन्यवाद जय हिंद
गज़ब का चित्रण किया है आपने । अति मार्मिक अभिव्यक्ति
बहुत-बहुत धन्यवाद जय हिंद
शहीदें को नमन…
सच में भावविभोर कर देने वाली तथा दिल को कुरेदने वाली कविता
समीक्षगत टिप्पणी के लिए बहुत आभार प्रज्ञा जी
अतिसुंदर भाव अतिसुंदर रचना
जय हिंद भाई धन्यवाद