Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ
कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
Swach bharat banyenge
गांधी जी का सपना सच करके हम दिखाएंगे अपने भारत को हम स्वच्छ भारत बनाएंगे साफ-सुथरी गलियां होगी साफ सुथरा होगा गांव साफ सफाई करने…
धरती माता
धरती माता ! धरती माता ! करूँ माँ कैसे मैं तेरा गुणगान, आज तो निकली जा रही है सबके प्राण | आज हर शै की…
भारत हो खुशहाल
न ही उठानी है तलवार न ही उठाना है हथियार उठानी है बस हाथ में झाड़ू जिससे भारत हो खुशहाल न ही थूकना दीवारों पर…
Nice
सही है
Good