Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
वायु मानव
संवाद – वायु मानव चन्द वायु की लड़ियों ने आकर मुझको घेर लिया सिसक सिसक कर कहने लगी पेड़ो क्यों काट रहे हो मैं दंग…
वायु संवाद
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वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ
वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ जीवन को खुशहाल बनाओ, धरा को सुसज्जित करके वायुमंडल को स्वच्छ बनाओ। वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ तन मन को प्रफुल्लित कर…
dhanyawad