Categories: मुक्तक
Tags: संपादक की पसंद
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
True line
Nice
सभी जन का समीक्षा के लिए बहुत बहुत आभार
Very True
धन्यवाद जी 🙏