Categories: शेर-ओ-शायरी
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” किस्सा–कुर्सी — का “
व्यंग्य गीत ———– अनुपम त्रिपाठी ” किस्सा–कुर्सी — का ” बचपन में किस्सों में कुर्सियों की बातें सुनते थे।आजकल कुर्सियों के किस्से आम हैं ।…
कुर्सी क्या है?
कुर्सी क्या है ? कितना मुश्किल है इसे समझना। सब राजनीति की संरचना है, सुन रखे हैं पुराने वादें, अब नए वादों में फंसना है।…
गुड मॉर्निंग भेजा
कविता- गुड मॉर्निंग भेजा ———————————- गुड मॉर्निंग भेजा, हमकों एकSMS मिला, क्षण भर हम ठहर गए थें, हाय कोरोना तेरे कारण भूल गए थें, अपने…
कुल्हाड़ी मत चलाना
कहा पेड़ ने मानव से कुल्हाड़ी मत चलाना मैं तुम्हारा पांव हूँ जब जाओगे मझधार में मैं तुम्हारी नाव हूं बचोगे तुम भी नहीं मुझे…
फेल रिजल्ट
कविता -फेल रिजल्ट —————————- आज सारे, ख्वाब टूट गए, कभी सोचते थें, जो बैठ टहल कर, वो आज सारे ख्वाब टूट गए, मत भरोसा करो,…
अति सुन्दर
बहुत खूब