शायरी (गढवाली हास्य)
हमें तो गंज्यालों से कूटा गया
सुल्याठों में कहां दम था।।
मेरा खुट्टा तो रड़ा वहाॅ
जहाॅ कच्यार कम था।।
😃😃😃😃😃😃😃😃
हमें तो गंज्यालों से कूटा गया
सुल्याठों में कहां दम था।।
मेरा खुट्टा तो रड़ा वहाॅ
जहाॅ कच्यार कम था।।
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हा हा हा, गजब शायरी
🙏🙏🙏🙏🙏
हाहाहा…
क्या खूब कहा
हा हा हा
मेरा खुट्टा तो रड़ा वहाॅ
जहाॅ कच्यार कम था।।
कमाल है।
🙏🙏🙏
हंसी तो आ रही है हरीश भाई,पर भाषा समझ नहीं आई।
बहुत ही सुन्दर।