शायरी
अभी-अभी धारा से उठे हैं ,
चलना भी सीख जाएंगे,
कभी उठेंगे तो कभी गिरेंगे,
कभी बिना गिरे भी संभल जाएंगे।
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Pragya Shukla - August 1, 2020, 4:29 pm
अच्छे जज्बात
मोहन सिंह मानुष - August 1, 2020, 6:35 pm
धन्यवाद जी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - August 1, 2020, 4:36 pm
सुन्दर
मोहन सिंह मानुष - August 1, 2020, 6:36 pm
धन्यवाद जी
Master sahab - August 1, 2020, 5:14 pm
👌👌
मोहन सिंह मानुष - August 1, 2020, 6:36 pm
धन्यवाद जी