शायरी
कलम भी वही है दावात भी वही है।
दिल में भरे मेरे जज़्बात भी वही है ।।
लिखना चाहूँ मै एक गजल आप पर
पर क्या करे अपनी मुलाकात नहीं है।।
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Geeta kumari - December 1, 2020, 1:54 pm
बहुत खूब भाई जी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 5:45 pm
शुक्रिया बहिन
Pragya Shukla - December 1, 2020, 1:55 pm
जज्बात बयां करने के लिए
मुलाकात होना जरूरी नहीं है,
जब दिल से दिल का मिलन है तो कैसी दूरी है???
भाव की प्रधानता एवं शिल्प भी सराहनीय है
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 5:45 pm
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी
Virendra sen - December 1, 2020, 3:25 pm
क्या खूब कहा है आपने
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 5:42 pm
धन्यवाद श्रीमान्
Praduman Amit - December 1, 2020, 6:01 pm
वाह पंडित जी बहुत ही सही फरमाया आपने।
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 7:08 pm
बहुत बहुत धन्यवाद
vivek singhal - December 1, 2020, 6:56 pm
👌👌👏👏👏
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 7:08 pm
शुक्रिया