शिक्षक
शिक्षक
साधारण व्यक्तित्व ..पर बेहद रोचक।
आदर्शों की मिसाल, अज्ञान का आलोचक ।
राष्ट्र का निर्माता ..प्रगति का द्योतक ।
ज्ञान का भंडार… जलता हुआ दीपक। उजाला फैलाए… कठिनाइयों का मुक्तक।
विद्यार्थी जीवन में हर पल सहायक।
मासूम दिलों का होता वह नायक।
संस्कृति, सभ्यता, न्याय का परिचायक।
समय से ताल मिला चलता अध्यापक। हर गलत कदम रोकता होता वह अनुशासक।
मीठी झिड़की ,हल्की थपकी, सम्मान के होता वह लायक।। खुद वही रहता राष्ट्र पौध का निर्माता,
सही गलत क्या है मार्गदर्शक बन बताता।
नमन मेरा अभिमान मेरा, है ज्ञान का यह भंडार मेरा। पूरी की पूरी पुस्तक है,
शिक्षक राष्ट्र का मस्तक है!
शिक्षक राष्ट्र का मस्तक है!
निमिषा सिंघल
Nice
Thank you so much
बहुत खूब
Thank you