श्रद्धान्जली
आपके चरण कमल में
करती हूँ श्रद्धांजली अर्पण
भारत माँ के प्रति
आपके प्रेम का
कर पाएगा
कौन वर्णन ।
जन्म दिवस है
वर मांगती हूँ मैं
मुझमें भी भाव हो
आपके जैसा
मन में हो मेरे
आपसा समर्पण ।
भारतीय जनसंघ को
नवरंग से भरकर
बिखरते दलों को
भाजपा का रूप देकर
दिखलाया निज दर्शन ।
रचयिता बने उस दल का
वतन को शिखर पर पहुँचाया
कभी कवि हृदय ने
मौत को भी चुनौती देके आया
वरणीय है आपका तर्पण ।
बहुत ही सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
सुंदर अभिव्यक्ति
सादर आभार गीता जी
अतिसुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद
Very good
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत खूब
मेरा भी नमन