श्रीराम के मार्ग पर चलो
श्रीराम को
आदर्श मानते हो ना,
तो चलो उनके आदर्शों पर,
गुरु का सम्मान,
माता की इच्छा
और पिता के वचन की रक्षा को
राजगद्दी का त्याग,
चौदह बरस तक
वनवास ग्रहण करना।
राक्षसों का संहार,
पत्नी का वियोग,
कितना कुछ,
त्याग, आदर्श, पुरुषार्थ,
के उच्च मानक ग्रहण करो।
आओ श्रीराम के
मार्ग पर चलो,
दम्भ रूपी रावण का
संहार करो।
—— डॉ0सतीश चन्द्र पाण्डेय, चम्पावत, उत्तराखंड।
जय हो, बहुत खूब, बहुत ही सुंदर
सादर धन्यवाद
Atisunder kavita
सादर धन्यवाद सर
वाह वाह, अतिसुन्दर
बहुत धन्यवाद
श्री राम के आदर्शो को स्मरण कराती हुई बहुत ही श्रेष्ठ रचना ,अति उत्तम प्रस्तुति
इस सुन्दर समीक्षागत टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार।
जय राम…
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद, हार्दिक आभार