Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
एक बार यमराज आया धरती पर
एक बार यमराज आया धरती पर। सोच में पड़ गया मानव को देखकर।। क्या खुशनसीब हैं ये इन्सां। मरणशील को कारें कारें मैं अमर यमराज…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
हे अटल! अटल रहो
अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर विशेष प्रस्तुति:- ********************************************* हे अटल ! अटल रहो यूँ ही हृदय में बसे रहो दिव्य ज्योति बनकर सदा…
मेरे भारत का झंडा तब बिन शोकसभा झुक जाता है
देख तिरंगे की लाचारी कैसे हर्शाएं हम आजादी पर कैसे नांचे कैसे झूमे गायें हम भारत माँ का झंडा जब पैरों के नीचे आता…
Wah
अभार आपका
Good
धन्यवाद
वाह बहुत सुंदर