Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
ठान लूँ गर
ठान लूँ गर मैं तो कुछ भी कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं तो असंभव भी संभव कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं…
एक सावन ऐसा भी (कहानी)
किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
बहुत ही बढ़िया रचना
अत्युत्तम रचना
टूटे को जोड़ो,
किसी को न तोड़ो,
जिन्दगी को सच्ची
दिशाओं में मोड़ो।
जय राम जी की
किसी को न तोड़ो,
जिन्दगी को सच्ची
दिशाओं में मोड़ो।…
रख लो, रहो खुश
निराशा को छोड़ो।
…….. कवि सतीश जी की कलम से निकली, बहुत सुंदर पंक्तियां सत्य ही कहा है जिंदगी में निराशा को छोड़ जिंदगी को आशाओं की तरफ मोड़ना चाहिए जीवन दर्शन से जुड़ी हुई यथार्थ रचना लाजवाब अभिव्यक्ति , उत्तम लेखन
अतिसुंदर अभिव्यक्ति