Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें । जहां की सारी खुशियाँ झुके तेरे कदम,ये दुआ है मेरे ।। नये लोग, नयी शहर,…
मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
*दिनकर आए हैं कई दिनों के बाद*
दिनकर आए हैं कई दिनों के बाद, विटामिन डी ले लो। बांट रहे हैं मुफ्त में सौगात, विटामिन डी ले लो। बातें करो धूप संग…
राष्ट्रकवि:- रामधारी सिंह दिनकर’ को नमन
दिनकर ऐसा सूर्य है जिसने हिन्दी जगत को अपनी लेखनी की किरणों से चमकाया देशहित में लिखकर देश का गौरव खूब बढ़ाया जिनके सूर्यातप के…
बहुत सुंदर पंक्तियां
वाह सुमन जी ।सतरंगी यादों में आशा की किरण, बहुत ही सुन्दर भाव में आपने रचना रचीं है।
बहुत खूब
बहुत खूब अतिसुन्दर
Very nice