सतर्क भारत समृद्ध भारत
मुसीबत के दौर में सतर्कता ही
हर संकट का हल होगा ।
सतर्कता का लिबास पहन लो
कल भविष्य तुम्हारा उज्जवल होगा ।
समृद्ध भारत के राह का उद्गम
है, स्वच्छ, सतर्क और जोश भरे समाज से ।
बदल रही हैं फिजा देश की, युग बदलेगा
विश्वास है, यह चल पड़ेंगे अपने अपनों की आवाज से।
डिजिटल के इस दौर में
हर काम बहुत आसान हुआ ।
विश्व में भारत का अब
मजबूत बहुत ही नाम हुआ ।
अपडेट हो रहे बच्चे बूढ़े
स्मार्ट हो गया है भारत अपना ।
नामुमकिन अब कुछ भी नहीं
खुली आंखों से देखो सपना ।
वैर भाव की इतिश्री कर
जागरूक हुआ हर हिंदुस्तानी ।
अपनी भारत मां के संग
किसी को ना करने देंगे मनमानी ।
नियम ज्ञान की कमी के कारण
किसी का सब कुछ बिखर गया
वक्त के जो पाबंद रहे हैं
जीवन उनका संवर गया ।
मूल मंत्र का द्वार सतर्कता
कोरोना की विषम परिस्थितियों में ।
भारत की शान न कम होने देंगे
हर हाल में हर स्थितियों में ।
जीवन के चौराहों पर
सिग्नल को मत ओवरटेक करो ।
बदलते भारत की तस्वीर में
अपने सपनों का तुम रंग भरो ।
अपने कर्तव्यों के प्रति
सतर्क रहें यदि हिंदुस्तानी ।
विश्व में भारत का कभी
मैला नहीं आंचल होगा ।
सतर्कता का लिबास पहन लो
भविष्य तुम्हारा उज्जवल होगा।
“बदलते भारत की तस्वीर में अपने सपनों का तुम रंग भरो ।”
डिजिटल भारत के बारे में बताती हुई, बहुत सुंदर रचना । खुद को आज कल के वातावरण के अनुसार अपडेट करने की प्रेरणा देती हुई बहुत ही प्रेरक रचना
good
सुन्दर
आभार गीता जी
सच
मुसीबत के दौर में सतर्कता ही
हर संकट का हल होगा ।
सतर्कता का लिबास पहन लो
कल भविष्य तुम्हारा उज्जवल होगा
उक्त पंक्तिया समसामयिता से ओत-प्रोत हैं समाज को वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार
स्वयं को
ढाव
ढालने की सीख बहुत सुंदर है👌👌👌👌👏👏👏👏👏
बहुत- बहुत धन्यवाद
अतिसुंदर भाव