सबक

अकेले रहकर पशु पंक्षी बनकर नहीं जीना,
इंसान बनकर इंसानियत से है राह दिखाना।
मान गये तो गले लगाकर समाज का करेंगे उध्दार,
नहीं तो मुंह तोड ज़बाब देकर है सबक सिखाना।।

महेश गुप्ता जौनपुरी

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