सरोवर
दिखे शांत सरोवर का उर,
भीतर हो रही हलचल
रह-रह कर उठती हैं लहरें,
बता रही व्याकुलता प्रतिपल..
*****✍️गीता
दिखे शांत सरोवर का उर,
भीतर हो रही हलचल
रह-रह कर उठती हैं लहरें,
बता रही व्याकुलता प्रतिपल..
*****✍️गीता
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सुंदर
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
Wah
बहुत बहुत धन्यवाद अमित जी 🙏
Very nice
Thanks pragya.
वाह, बहुत सुंदर पंक्तियाँ लाजवाब अभिव्यक्ति गीता जी।
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी🙏
अतिसुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद पीयूष जी 🙏
NICE
Thank you mam
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
चन्द शब्दों में अथाह सार छिपा है ।
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका कमला जी🙏