सर्दी का सितम
दुनिया से कटा कश्मीर,
बर्फ़ से अटा कश्मीर
मौसम का हुआ
पहाड़ों पर कहर
कांपा श्रीनगर और कांपा,
जम्मू-कश्मीर का हर शहर
डल झील जम गई,
उसकी रफ्तार थम गई।
बद्रीनाथ के पथ पर ,
बिछी बर्फ की सफेद चादर।
आसमान से गिरे
बर्फ के फ़ाहे
बन्द हो गई हैं,
आने जाने की सब राहें।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में,
पर्वतों पर है बर्फबारी
कांप उठे सब नर और नारी
पर्वत कांप उठे सर्दी से,
सूर्य का कहीं पता नहीं
सर्दी का हर तरफ सितम है
सबको सर्दी सता रही।
डलहौजी की राहों ने भी,
ओढ़ रखी है बर्फ की चादर
हिमपात से लुढ़का पारा,
कांप उठा हिमाचल सारा
______✍️गीता
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 5, 2021, 6:02 pm
वाह
सर्दी के वर्णन करते हुए सुंदर यात्रा वृतांत
Geeta kumari - January 5, 2021, 8:47 pm
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी🙏
Satish Pandey - January 5, 2021, 9:10 pm
सर्दी से जुड़ी इस कविता से यह परिलक्षित होता है कि प्रकृति सदैव कवि गीता जी की सहचरी के रूप में कविता की ओट में अवस्थित है । कवि की दृष्टि का फलक अत्यंत विस्तार लिए हुए है।सीधे-सीधे काव्यात्मक शैली में प्रस्तुति दी है। अति सुंदर वर्णन।
Geeta kumari - January 5, 2021, 10:01 pm
कविता की इतनी सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी । आपकी प्रेरणा देती हुई समीक्षा ने कविता मे जान ही डाल दी है
बहुत-बहुत आभार सर
Devi Kamla - January 5, 2021, 10:53 pm
सर्दी से जुड़ी खूबसूरत कविता
Geeta kumari - January 6, 2021, 10:03 am
बहुत-बहुत धन्यवाद कमला जी
MS Lohaghat - January 5, 2021, 10:55 pm
बहुत अच्छी प्रस्तुति
Geeta kumari - January 6, 2021, 10:03 am
सादर धन्यवाद सर