सर्दी की धूप
सर्दी की धूप बड़ी सुहानी
सेवन कर प्राणी सुखदाई ।
चेतन जीव की क्या कहिये
सुख जड़ जात भी पाई।।
ठण्ड हरे नित जीव जगत के
अमराई नित भोजन पावै।
विनयचंद विटामिन डी से
अश्थि सबल बन जाते।।
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Geeta kumari - December 7, 2020, 5:13 pm
“विनयचंद विटामिन डी सेअश्थि सबल बन जाते।।”
विटामिन डी के बारे में बताती हुई कवि विनायचंद शास्त्री जी की बहुत ही सुन्दर रचना । सर्दियों की धूप पर बहुत अच्छी कविता, भाई जी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 7, 2020, 6:46 pm
धन्यवाद बहना
Suman Kumari - December 7, 2020, 5:59 pm
बहुत ही सुन्दर
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 7, 2020, 6:46 pm
धन्यवाद
Virendra sen - December 7, 2020, 10:38 pm
अति सुंदर
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 8, 2020, 8:21 am
धन्यवाद
Satish Pandey - December 7, 2020, 10:51 pm
लाजवाब अभिव्यक्ति
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 8, 2020, 8:21 am
बहुत बहुत धन्यवाद
Pragya Shukla - December 8, 2020, 12:38 am
अच्छा एवं सफल लेखन
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 8, 2020, 8:22 am
शुक्रिया तहे दिल से