सावन पर
किसी ने पूछा मुझसे,
“सावन” पे लिखती हो, क्या मिल जाता है?
मैनें कहा —–
मुझे समझने वाले सखा, सखी हैं,
समझते हैं, जो रचनाएं मैनें लिखी हैं।
उनकी लिखी रचनाओं को भी पढ़ पाती हूं,
इस क्षेत्र में और आगे बढ़ पाती हूं।
आत्मा की खुराक मिल जाती है,
दो घड़ी तबीयत भी खिल जाती है।
आदर, सम्मान, प्रेम, स्नेह सब मिलता है,
और किसी को क्या चाहिए….
आदर, सम्मान, प्रेम, स्नेह सब मिलता है,
वाह आपकी इसी सकारात्मक लेखनी को ही तो हम सैल्यूट करते हैं। अतीव सुन्दर पंक्तियाँ
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏आप की समीक्षाएं जिजीविषा का काम करती हैं।
सादर स्वागत आपकी लेखनी में वास्तव में साहित्य विराजमान है, साहित्य साधना करते रहिये, बिंदास रहिये
Thank you ji
Nice 👏
Thank you mam🙏
Kya baat bhai
Ek dam sahi
धन्यवाद प्रज्ञा बहन
कहने दो जो कहता है
बिल्कुल सही कहा।और क्या ,हमें अच्छा लगता है।
साहित्य के सम्पर्क में रहते हैं।
और सबसे बड़ी बात”me time” mil jata hai
Beautiful
Thank you very much
कविता के माध्यम से बिल्कुल सही कहा आपने मैम🙏
सावन मंच एक परिवार की तरह है जहां विभिन्न विषयों पर कविता पढ़ने को मिलती हैं और अपनी लेखन कला को सुधारने का बहुत अच्छा मौका भी मिलता है, और यहां पर सभी सदस्य बहुत ही गुणवान तथा मिलनसार है।
बहुत सुंदर भाव मैम 🙏
Sahi kaha
Thanks pragya
सही कहा मोहन जी, बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
Good
सादर धन्यवाद भाई जी आपका 🙏 ये स्नेह यूं ही बना रहे।
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पीयूष जी 🙏
Me too