साहित्य साहित्य है
साहित्य साहित्य है
न हार न जीत है,
न जद्दोजहद है,
न ही संघर्ष है।
न दूसरे पर निशाना है,
न कोई बहाना है,
साहित्य साहित्य है,
संघर्ष नहीं है।
साहित्य दर्द है जीवन का
साहित्य जीवन की खुशी है,
साहित्य न कोई लफ़ड़ा है
साहित्य न कोई झगड़ा है, साहित्य प्रेम है,
साहित्य मन का है
स्वान्तः सुखाय है
बहुजन हिताय है।
साहित्य आनन्द है
साहित्य उमंग है।
साहित्य जीवन के
करीब और संग है।
साहित्य साहित्य है,
संघर्ष नहीं है।
साहित्य दर्द है जीवन का
साहित्य जीवन की खुशी है,
________ कवि चंद्रा जी द्वारा रचित ,साहित्य के बारे में बहुत सुंदर पंक्तियाँ। बहुत सुंदर शिल्प और शानदार रचना।
बहुत बहुत धन्यवाद, आपकी समीक्षाएं बहुत सुंदर हैं।आप न किसी से द्वेष भावना रखती हैं न कविताओं के माध्यम से किसी को ठेस देने के बोल लिखती हैं, आप बस अपने पथ पर बढ़ती जाती हैं, इसलिए आपकी लेखनी को हमेशा सराहना प्राप्त होती है। बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत-बहुत धन्यवाद चंद्रा जी सुस्वागतम्🙏
बहुत ही शानदार व सच्ची रचना की है आपने जय हो
बहुत सही बात लिखी है आपने, गजब लिखा है।
अतिसुंदर
Nice