Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कविता- तेरी महिमा न्यारी
महिला दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए | कविता- तेरी महिमा न्यारी हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी | प्यार द्या दान…
प्राण से ज्यादा , मित्र हो प्यारे
प्राण से ज्यादा, मित्र हो प्यारे, इस. नश्वर संसार में । तीर्थ राज संगम स्थित है , प्रिय मित्रों के प्यार में । व्यर्थ सभी…
मित्र
प्राण से ज्यादा,मित्र हो प्यारे , इस. नश्वर संसार में । तीर्थ राज संगम स्थित है , प्रिय मित्रों के प्यार में । व्यर्थ सभी…
धुर सुवह का प्यार मित्रो
मधुर सुवह का प्यार मित्रो , मधुर सुवह का प्यार । नहीं मित्रता से बढ़ कोई , है कोई उपहार । सदा मित्रता भाव हृदय…
Good
Nice
very nice
bahut khoob