Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
नवविवाहिता का पति को भाव–समर्पण…….
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन ————————————– मेरा सजने को है जीवन–आँगन मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन… भाव–विभोर मेरे नैनन में स्वप्न ने ली अँगड़ाई है- जो लिखी…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
बन जायें खुशियाँ साजन सी, मैं बन जाऊँ वनिता।
कानों में हो मधुर मधुर धुन, ऐसी सुना दे कविता
______ कवि सतीश जी की पद छंद शैली में रूमानियत भरी हुई बहुत ही मधुर रचना….लाजवाब अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर