“स्वर्णिम नवल वर्ष”
कालचक्र ने लिखा था एक रोज़
रेत पर उंगलियों के पोरों से,
वह हस्तलेख मिट गया
सागर की लहरों के थपेड़ों से…
स्वागत है कर जोड़कर २०२१,
खूँटी पर अब टाँग दी
वैमनस्यता भरी कमीज…
सागर की जलधार ने
मिटा दिया एक नाम,
२०२० ऐसे ही गया
आया नव स्वर्ण विहान…
हे नवल वर्ष ! तुम सबके
जीवन में सुख का संचार करो…
दीनों दुःखियों का त्रास हरो,
मानवता का कल्याण करो…
तुम आओ जीवन पथ पर और
प्रेरणा का नव उत्थान करो…
भूखे की रोजी-रोटी बन,
हर नस में रक्त संचार करो…
स्वप्नों के नूतन पुहुप खिलें,
बैरी भी हँसकर गले मिलें…
बोये जाएं सर्वत्र पुष्प,
नहीं हृदय में शूल मिले…
कुछ ऐसा हो यह नवल वर्ष,
सबके गृह में हो समृद्धि- हर्ष…
अधरों पर केवल मुस्कानें हों,
पलकों के तट पर ना नयन जलधारे हों…
हर मानव नीरोग मिले,
कोरोना ना अब कहीं दिखे…
तरुणाई मुसकाये और
अवनि भी स्वच्छन्द मिले…
जो घाव दिये विगत वर्ष ने
हे आगत ! तू उसका मरहम बन,
सागर में मिल जाए सर्वस्व व्यथा
पुष्पित हो विश्व का तन-मन…
“नववर्ष मंगलमय हो” आप सभी को प्रज्ञा की ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं…🙏🙏🙏
काव्यगत सौंदर्य एवं साहित्यिक योगदान:-
यह कविता मैंने सावन द्वारा आयोजित “फोटो प्रतियोगिता” पर लिखी है,
मैंने सावन के लगभग सभी मापदण्डों को ध्यान में रखकर लिखी है तथा हर बारीकी का ध्यान रखते हुए लिखी है…
मैंने फोटो में जो भी दिखाया गया है उसको ध्यान में रखते हुए समग्रता का भी समावेश किया है..
मैं कहाँ तक सफल हुई यह तो आप सब ही बताएगें परंतु यह कविता लिखने में मुझे बहुत मनन तथा अध्ययन करना पड़ा जिसके कारण कई दिन लग गये…
अलंकारों के साथ-साथ, रस, नवीनता तथा समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने का भी प्रयास किया है…
आगे आप सभी की इच्छा चाहे तो कमेंट बाक्स में कुछ लिखकर मेरी मेहनत पर टिप्पणी करें अन्यथा आपकी इच्छा…
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Geeta kumari - January 1, 2021, 4:38 pm
“स्वप्नों के नूतन पुहुप खिलें,बैरी भी हँसकर गले मिलें…बोये जाएं सर्वत्र पुष्प,नहीं हृदय में शूल मिले…कुछ ऐसा हो यह नवल वर्ष,”
आने वाले वर्ष के बारे में बहुत सुंदर विचार हैं कवि प्रज्ञा जी के, काश आने वाला वर्ष इनकी कल्पनाओं जितना ही खूबसूरत हो । कोरोना का भी नामोनिशान ना रहे ,
बहुत सुन्दर शिल्प और कथ्य है । सुन्दर भाषा शैली का प्रयोग किया गया है ।” वह हस्तलेख मिट गया सागर की लहरों के थपेड़ों से…”
उपमा अलंकार का सुंदर प्रयोग और चित्र के अनुसार बहुत ही सुन्दर वर्णन
Pragya Shukla - January 1, 2021, 8:15 pm
इतनी सुंदर और सटीक समीक्षा की है आपने कि धन्यवाद के लिए मुझे शब्द नहीं मिल रहे…
मेरी मेहनत सफल हुई
Geeta kumari - January 1, 2021, 8:19 pm
Welcome sis
Sandeep Kala - January 1, 2021, 5:10 pm
नव वर्ष को लेकर आपने बहुत ही सुंदर कल्पना की है
Pragya Shukla - January 1, 2021, 8:15 pm
धन्यवाद संदीप जी, आपको पसंद आई यह मेरे लिए सौभाग्य ही है
Anu Singla - January 1, 2021, 6:39 pm
निशब्द करती रचना
आपकी अभिव्यक्ति कमाल की हैं
गीता जी ने बहुत अच्छी तरह समीक्षा की है
Geeta kumari - January 1, 2021, 8:04 pm
धन्यवाद अनु जी
Pragya Shukla - January 1, 2021, 8:17 pm
धन्यवाद अनु..
आपकी समीक्षा बहुत कम ही मिल पाती है बहुत ही खुशी हुई मुझे अब और बेहतर लिखने की कोशिश करूंगी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 1, 2021, 7:24 pm
अतिसुंदर भाव अतिसुंदर रचना
Pragya Shukla - January 1, 2021, 8:18 pm
सर कुछ और भी लिखते तो और अच्छा लगता बहुत बहुत शुक्रिया आपकी टिप्पणी हेतु
Satish Pandey - January 1, 2021, 8:07 pm
बहुत खूब, अति उत्तम रचना
Pragya Shukla - January 1, 2021, 8:18 pm
धन्यवाद भाई
vivek singhal - January 1, 2021, 8:31 pm
पहली बात तो आपको नव वर्ष की शुभकामनाएं ईश्वर आपको सुखी रखे
Pragya Shukla - January 1, 2021, 9:04 pm
आपको भी
vivek singhal - January 1, 2021, 8:38 pm
एक एक पंक्ति जैसे आपकी लेखनी से जीवंत हो उठी हो…
ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपको कोई विषय दिया जाये और आप बेहतर ना लिखें
नव वर्ष की बेहतरीन रचना, सबसे अच्छी बात यह लगी कि आपने शब्द चुन चुन कर लिये हैं और फोटो जो कह रही थी उसे आपने शब्दों द्वारा उकेर दिया है
सच में जहाँ ना पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि…
शिल्प, संवेदना, प्रोत्साहन तथा सबकुछ समाहित है
कहने की जरुरत नहीं आपको,
आपकी कविता पढ़कर पता चल रहा है कि आपने कितनी मेहनत की है और आप १००% सफल हुई हैं
गीता जी ने सुंदर आलोचना की है और मैं भी अनू जी की तरह निःशब्द हूं
Pragya Shukla - January 1, 2021, 9:05 pm
धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद
Suman Kumari - January 1, 2021, 10:37 pm
बहुत ही सुन्दर
Pragya Shukla - January 2, 2021, 12:35 pm
धन्यवाद सुमन जी
Virendra sen - January 2, 2021, 8:19 am
बहुत अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति
Pragya Shukla - January 2, 2021, 12:35 pm
बहुत बहुत धन्यवाद
Master sahab - January 2, 2021, 6:34 pm
अद्भुत लेखन प्रज्ञा जी,
बहुत ही सटीक सुंदर नव वर्ष के
उपलक्ष में सुंदर लेखन फोटो के हर एक पहलू को ध्यान में रखते हुए एकदम सटीक बैठती हुई अद्भुत रचना।
जिसकी समीक्षा कर पाना बहुत ही मुश्किल है
अपने शब्दों के माध्यम से अपने भावाभिव्यक्ति को
कागज पर ऐसे उकेरा है।
जैसे वह जीवंत हो उठी हो, सुंदर शिल्प, बेहतरीन शिल्प बेहतरीन कथ्य
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:43 pm
धन्यवाद मास्टर साहब,
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…
Abhishek kumar - January 2, 2021, 10:11 pm
एक एक शब्द स्वर्ण है भावपूर्ण रचना,
फोटो पर एकदम सटीक बैठती हुई कविता
इसका सिर्फ जिस प्रकार गढ़ा गया है
वह अपने आप में काबिले तारीफ है।
आपने सावन के सभी मापदण्डों को
ध्यान में रखकर तथा हर बारीकी का
ध्यान रखते हुए लिखी है…
नववर्ष की सभी सुंदर कल्पनाएं आपने
अपनी कविता में कर डाली हैं और सुंदर लयात्मकता को प्रमुखता देती हुई रचना प्रस्तुति।
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:44 pm
धन्यवाद
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…
Psladpura Pilibhit - January 3, 2021, 2:16 pm
कालचक्र ने लिखा था एक रोज़
रेत पर उंगलियों के पोरों से,
वह हस्तलेख मिट गया
सागर की लहरों के थपेड़ों से…
स्वागत है कर जोड़कर २०२१,
खूँटी पर अब टाँग दी
वैमनस्यता भरी कमीज…
वाह वाह क्या बात है
आपके लेखन की मिसाल देनी चाहिए
इतना सुंदर लेखन शिल्प तथ्य तथा अलंकारों का तथाकथित उचित प्रयोग के साथ-साथ नव वर्ष के उपलक्ष में बेहतरीन रचना दी है।
आप इतनी सुंदर रचना लिखकर आप यह बता देती हैं
कि लेखन प्रतिभा में कितनी अधिक है
आपकी लेखनी किसी होनहार कवि से कम नहीं है ।
आपकी लेखनी आएंगे तो करती है कि आप हुनर की धनी है। बहुत ही खूब जितनी तारीफ की जाए कम है।
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:44 pm
धन्यवाद आपका
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…
Psladpura Pilibhit - January 3, 2021, 2:17 pm
Photo per ekadam satik baithati Hui Rachna
Jaisa photo hai hai Usi Prakar ki Rachna Hai photo ke एक एक pahlu ko bahut hi Dhyan Mein Rakha gaya hai
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:45 pm
धन्यवाद
jeet rastogi - January 3, 2021, 3:24 pm
What’s up Pragya ji is not your answer ..
Your writing is no less than a professional poet ..
A word is similar to a pearl.
Your writing edge is amazing as the picture is exactly the poem…❤❤
You are best poet in all world…
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:51 pm
Thanks a lot bro
neelam singh - January 3, 2021, 3:45 pm
You have written a lot, you cannot believe the beautiful poet’s beautiful imagination, how can someone write so well ..
You have used very beautiful language
It is impossible to praise you in four lines. You are a very talented poet.
You are not less than any artist …
You will win if quality is valued …
Keep it up RJ👌👌👏👏👏
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:51 pm
Thanks a lot di
aakashwaani lko - January 3, 2021, 4:08 pm
Great design
There could not have been a better creation on the new year…
I remembered Harivansh Rai Bachchan’s poem after reading your composition ..
Your poem is no less than that … You will go much further … The craft of your poem is no less strong than the poetry of Jaishankar … Your composition is of high quality even in terms of grammar, Pragya ji…
Well done pragya👍👍👍👍
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:57 pm
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
aakashwaani lko - January 3, 2021, 4:09 pm
बेहतरीन रचना बेहतरीन शिल्पकारी
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:56 pm
Thanks
aakashwaani lko - January 3, 2021, 4:20 pm
There could not be a better poem on the new year
You have written a poem as shown in the picture, there is a sea, and in the ocean there is 2020 and you can see a poem coming in.
Don’t know where so much of your mind comes from!
It is impossible to be as young and hopeful as you ..
You are rich in talent ma’am…
Best off luck
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:56 pm
Thank ma’am
Rj sid - January 3, 2021, 4:26 pm
आप प्रतिभा की धनी हैं यह हम सब जानते हैं
पर आप किसी चित्र को जीवित कर सकती हैं यह नहीं जानते थे
हूबहू चित्र को कविता में ढाल देना आपका पुराना शौक रहा है
कई बार मैंने यह देखा है कि गुणवत्ता तथा व्याकरण आपका कितना शुद्ध होता है एवं भाव कितने प्रबल होते हैं
हमेशा की तरह बेहतरीन, लाजवाब तथा सुपर से ऊपरवाली रचना…
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:55 pm
धन्यवाद
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…
Rj sid - January 3, 2021, 4:27 pm
मेरी शुभकामनाएं आपको
व नया साल मुबारक हो
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:55 pm
Same to u
rj veera - January 3, 2021, 4:39 pm
Wah Pragya ji,
is a good poet as well as a singer with a beautiful voice. We hope that one day the world will consider you as iron, your skill will take you to the heights of the sky.
Your poem is very good, the praise is low, the quality is incomparable….
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:54 pm
Thank u sooooo much veera
rj veera - January 3, 2021, 4:42 pm
आपकी आवाज तो माशाअल्लाह….
आपके अन्दर सभी गुण हैं कवि वाले
आपके हुनर का लोहा एक दिन पूरी दुनिया मानेगी..
Happy new year 2021
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:54 pm
धन्यवाद वीरा
Anita Mishra - January 3, 2021, 6:24 pm
बहुत बढिया लिखा है आपने
एक एक शब्द चुनकर
लिखा है आपने फोटो पर एकदम सटीक रचना फोटो के हर एक पहलू को ध्यान में रखते हुए आपने लिखा है हम समझ सकते हैं आपको कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:53 pm
धन्यवाद भाभी जी
Deepak Mishra - January 3, 2021, 6:30 pm
क्या खूब कही,
शब्दों का चुनाव
बहुत अच्छे से किया है
काश ऐसा ही नववर्ष आये जैसा आपने लिखा है
शब्दों के पंख लगाकर आपकी कविता जीवंत हो उठी है
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:53 pm
धन्यवाद आपका
Gijju. Raam - January 3, 2021, 6:35 pm
क्या बात है प्रज्ञा जी
आपकी कविता बहुमूल्य है
तथा कल्पना तो आनन्द प्रदान कर रही है
आपकी कविता में नयापन है
बहुत अच्छा लिखा है आपने
awesome poetry and good luck
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:52 pm
धन्यवाद सर
Reema Raj - January 3, 2021, 6:40 pm
कोरोना ना अब कहीं दिखे…
तरुणाई मुसकाये और
अवनि भी स्वच्छन्द मिले…
जो घाव दिये विगत वर्ष ने
हे आगत ! तू उसका मरहम बन,
सागर में मिल जाए सर्वस्व व्यथा
पुष्पित हो विश्व का तन-मन…
सुन्दर प्रस्तुति
सुन्दर अभिव्यक्ति की है आपने तथा आप की कल्पना भी उच्च स्तरीय कविता उच्चस्तरीय कविता के सभी भाव तथा गुण विद्यमान है
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:52 pm
सुंदर समीक्षा हेतु धन्यवाद
Roopraani Ji - January 3, 2021, 6:55 pm
विगत
वर्ष में बहुत सारे घाव दिए हम उम्मीद करते हैं कि 2021 में ऐसा कुछ नहीं होगा आप की कल्पना आपके भावनाएं उच्च स्तरीय हैं आपकी रचना भी उत्तर स्तरीय है
“कालचक्र ने लिखा था एक रोज
उंगलियों के पोरों से”
सुंदर उपमा अलंकार का प्रयोग
करके आपने रचनाकार सुंदर बनाती है यह कहने की जरूरत ही नहीं है किया प्रतियोगिता की फोटो पर सटीक बैठ रही है
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:50 pm
यही आशा है
सबकुछ अच्छा हो
धन्यवाद
Reetu Honey - January 3, 2021, 6:59 pm
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
नववर्ष पर बहुत ही बेहतरीन रचना
काबिले तारीफ है आपकी कलम,
फोटो के सभी तथ्यों पर
खरी उतरती रचना।
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:49 pm
आपको भी बधाई…धन्यवाद
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…
Arihant Ji - January 3, 2021, 7:14 pm
अलंकारों से सुसज्जित बेहतरीन प्रस्तुति
जिसकी समीक्षा कर पाना आसान नहीं है
आपने सभी तथ्यों को समाहित किया है
आपकी कविता में समग्रता है
साथ ही में सावन मंच का भी तहे दिल से शुक्रिया करना चाहता हूं कि वह कवियों को निखारने के लिए प्रतियोगिताएं करवाते रहते हैं नव वर्ष पर सुंदर फोटो देख कर के उन्होंने प्रतियोगिता रखकर कवियों की प्रतिभा को निखारने की कोशिश की है आपने दी गई फोटो पर बिल्कुल सटीक कविता लिखी है।
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:48 pm
धन्यवाद
Arihant Ji - January 3, 2021, 7:15 pm
आपके कविता के गुणवत्ता उच्च कोटि की है तथा भावपूर्ण है
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:48 pm
जी यही कोशिश की है
King radhe King - January 3, 2021, 7:17 pm
आप कलम के जादूगर हैं और आपको शब्दों का जादूगर कहा जा सकता है आपकी रचना उच्चकोटि की है भाव शिल्प का थे तथा अंगारों से आपने को बच्चे को सजाया है अपनी कविता को तथा आपकी कविता में समाज को अच्छा संदेश देने वाला कौन है आपकी कविता समाज को एक अच्छा संदेश दे रही है तथा आशा कर रही है कि यह वर्ष बहुत ही अच्छा बीतेगा
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:47 pm
बहुत ज्यादा कह दिया आपने
धन्यवाद
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…
King radhe King - January 3, 2021, 7:18 pm
ऐसे ही लिखते रहिए तथा साहित्य को अपना योगदान देते रहिए
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:46 pm
जी बिल्कुल कोशिश करुंगी
Honey Shukla - January 3, 2021, 7:23 pm
Kavya Saundarya aapane bahut hi Achcha Likha Hai Ek Taraf aapane Kavita likhi hai dusri Taraf
आपने कविता लिखकर उसके बारे में बखूबी बताया है
और आपकी कविता भी सुंदर है
तथा जिस प्रकार से आपने अपने भाव अपने विचार का काव्यगत सौंदर्य के माध्यम से व्यक्त किए हैं वाह बहुत अच्छा लगा मुझे कि आप अपने पाठकों से अपने विचार भी साझा करती हैं प्रतिभावान तो आप है ही साथ ही आपके अंदर कभी वाले सभी गुण विद्यमान है बहुत अच्छी बात है कि आप साहित्य को अपना योगदान दे रहे हैं आपकी कविता समाज में प्रेरणा लाएगी तथा काव्यगत परंपरा को भी आगे बढ़ाएगी
Pragya Shukla - January 3, 2021, 9:46 pm
धन्यवाद
आपकी सराहना हेतु तथा
अपने विचार साझा करने के लिए…