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अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
माँ महंगे होटलों में भी “रहस्य “देवरिया
माँ महेंगे होटलो मे भी (“रहस्य”) तेरी हाथों कि वो दो रोटियाॅ कहीं और बिकती नहीं माँ महँगे होटलों में भी खाने से भूख मिटती…
मेरे दीवाने कहाँ गए…?
गज़ल:- ❤❤ “मेरे दीवाने कहाँ गए” ❤❤ ————————— मेरे ख्वाब सजाने वाले कहाँ गए? मुझे जान-जान कहके बुलाने वाले कहाँ गए? —‐———————————- जो कहते थे…
एक सावन ऐसा भी (कहानी)
किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
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Sahi kha
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थैंक्स