हकीकत कुछ भी नहीं
ये दुनिया को मेरी
हकीकत कुछ भी नहीं पता है
इलजाम हजारों हैं मुझपर तो
और मेरी खता कुछ भी नहीं
मेरे दिल में क्या है
ये पढ़ ना सकोगे
वो सारे पन्ने भरे हैं
और लिखा कुछ भी नहीं ❤️🩹😒
कल्पना को तो
हर कोई लिख सकता है,
तुम हिम्मत दिखाना,
अपनी सच्चाई लिखना।
ख्वाब को तो
हर कोई दिखा सकता है,
तुम बड़ा जिगरा रखना,
उस ख़्वाब को हकीकत बनाना।
कुछ भी नहीं है शायरों की दुनिया में
जो सच से परे हो,
तुम वही लिखना जो
सच को साबित कर सको !
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