तुमने बसा ली अपनी दुनिया
मुझे तो किसी छत का भी सहारा नहीं
चाह कर भी मैं तुम्हारा हाल ना पूछ सकू
कहीं कह दो की अब ये हक तुम्हारा नहीं.
तुमने बसा ली अपनी दुनिया
मुझे तो किसी छत का भी सहारा नहीं
चाह कर भी मैं तुम्हारा हाल ना पूछ सकू
कहीं कह दो की अब ये हक तुम्हारा नहीं.