Categories: शेर-ओ-शायरी
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चले आओ मेरी आँखों का पानी देखते जाओ
गजल : कुमार अरविन्द चले आओ मेरी आंखों का पानी देखते जाओ | कहानी है तुम्हारी ही , निशानी देखते जाओ | मैं जिन्दा हूं…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
तेरे ये होंठ जानते है , मेरी सब हसरतें
होठों को होठों से यूँ तुम दबाते क्यूँ हो बेचैनियां मेरी रोज यूँ तुम बढ़ाते क्यूँ हो ।। तेरे ये होंठ जानते है , मेरी…
निगाहें उठाकर जिधर देखते हैं
निगाहें उठाकर जिधर देखते हैं तुम्हें बस तुम्हें हमसफर देखते हैं उडीं हैं गुबारों सी अब हसरतें भी खड़े हम तो बस रहगुजर देखते…
वाह