हम समझ न पायेंगे

आपकी बात ऐसे
हम समझ न पायेंगे
जरा सा खुल के कहो
खुल के बता जायेंगे।
दिल में तूफान है पर
आग अब बुझी सी है,
आप चाहो तो उसे
और जला लायेंगे।
ठंड है खूब और
आप भी बुझे से हैं
आग लायेंगे आपको
भी तपा जायेंगे।
आप मुँह मोड़ लो
पूरी तरह भले हमसे
मगर हमें न कभी
आप भुला पायेंगे।

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Responses

  1. बहुत सुन्दर पंक्तियां, सुन्दर शिल्प
    और सुन्दर भाव लिए हुए बहुत सुंदर कविता

    1. बहुत बहुत आभार, साथ ही सर्वश्रेष्ठ आलोचक और सदस्य सम्मान मिलने पर आपको भी हार्दिक बधाई गीता जी

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