हम समझ न पायेंगे
आपकी बात ऐसे
हम समझ न पायेंगे
जरा सा खुल के कहो
खुल के बता जायेंगे।
दिल में तूफान है पर
आग अब बुझी सी है,
आप चाहो तो उसे
और जला लायेंगे।
ठंड है खूब और
आप भी बुझे से हैं
आग लायेंगे आपको
भी तपा जायेंगे।
आप मुँह मोड़ लो
पूरी तरह भले हमसे
मगर हमें न कभी
आप भुला पायेंगे।
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद, शास्त्री जी
बहुत सुन्दर जबरदस्त कविता लिखी है।
Thanks
माह के सर्वश्रेष्ठ कवि घोषित होने की बहुत बहुत बधाई है सर
इस स्नेह के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
सर्वश्रेष्ठ कवि की पदवीं प्राप्त करने की बहुत सारी बधाईयां
बहुत बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुन्दर पंक्तियां, सुन्दर शिल्प
और सुन्दर भाव लिए हुए बहुत सुंदर कविता
समीक्षागत सुन्दर टिप्पणी हेतु हार्दिक अभिवादन गीता जी।
सर्व श्रेष्ठ कवि का सम्मान मिलने की बहुत बहुत बधाई सर
बहुत बहुत आभार, साथ ही सर्वश्रेष्ठ आलोचक और सदस्य सम्मान मिलने पर आपको भी हार्दिक बधाई गीता जी
Great, सर्वश्रेष्ठ कवि सम्मान की बधाई।
Thank you very much
बहुत खूब