Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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इंतजार के पल – उम्मीद की किरण संजोए इंतजार के पल हर लम्हा याद में गुजारे इंतजार के पल कभी हसाए तो कभी रुला ही डाले मुस्किल से बीतते है, ये इंतजार के पल। बेचैन कर के ही माने, इंतजार के पल सुकून को दूर भगाए ,इंतजार के पल पहेली सा मन में जगह बनाए उलझन में डाल देते , ये इंतजार के पल। विश्वास से रिश्ता बनाते,इंतजार के पल हर वक्त बस है आजमाते ,इंतजार के पल एक उम्र संग बहा ले जाए ख्वाबों का जहां बसाए ,ये इंतजार के पल।
इंतजार के पल – उम्मीद की किरण संजोए इंतजार के पल हर लम्हा याद में गुजारे इंतजार के पल कभी हसाए तो कभी रुला ही…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
जीवन का दर्द लिखो कहती है
जीवन का दर्द लिखो कहती है कलम आज बोलो कहती है उपेक्षित-शोषित-उत्पीड़ित की आवाज बनो कहती है। प्यार-मुहब्बत पर लिखता हूँ रोमांचित होने लगता हूँ,…
नव प्रभात
रात कितनी भी घनी हो सुबह हो ही जाती है चाहे कितने भी बादल घिरे हो सूरज की किरणें बिखर ही जाती हैं अंत कैसा…
वो लड़का मुझे बहुत मोहब्बत किया करता था
गीतों में अपने जज्बात लिखा करता था, गीतों में मुझसे बात किया करता था हाथों में लेकर मेरा हाथ, घंटों चलता रहता मेरे साथ वो…
अतिसुंदर भाव