हालात
आप चाहते तो हालात बदल सकते थे, आप के आंसू मेरी आंखो से निकल सकते थे । मगर आप तो ठहर गए झील के पानी की तरह, दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे।
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Satish Pandey - September 26, 2020, 5:24 pm
वाह वाह अतिउत्तम, लेखनी की अद्भुत क्षमता को सैल्यूट
Virendra sen - September 26, 2020, 5:34 pm
बहुत बहुत आभार
Anuj Kaushik - September 26, 2020, 5:24 pm
अति सुंदर
Virendra sen - September 26, 2020, 5:34 pm
बहुत बहुत आभार
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - September 26, 2020, 5:58 pm
वाह वाह
Suman Kumari - September 26, 2020, 9:03 pm
सुन्दर
प्रतिमा चौधरी - September 27, 2020, 12:16 am
लाजवाब