Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
हिन्दी हमारी मातृभाषा
एकता के सूत्र में विविधता को पिङोती, जनमानस की भाषा है जो देवनागरी लिपि में गुथी हुई,अपनी राजभाषा रूप धर आई है जो। हर जन…
‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’
लेख:- ‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’ मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने के लिये भाषा का प्रयोग करता है। वह अपनी…
“आज जरुरत है हिंदी की”
“आज जरुरत है हिंदी की” आज जरुरत है हिंदी की हम सबको जोड़े रखने की शोषण – अत्याचार मिटा कर देश में अमन जगाने की…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
मातृभाषा दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं