Categories: शेर-ओ-शायरी
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साहित्य साहित्य है
साहित्य साहित्य है न हार न जीत है, न जद्दोजहद है, न ही संघर्ष है। न दूसरे पर निशाना है, न कोई बहाना है, साहित्य…
लोहड़ी की बहार है
खुशियाँ अपार है प्यार का त्योहार है। वेहरे बीच आग जली लोहड़ी की बहार है।। गैया का गोबर पाथ-पाथ पाथी लिया बनाय। सुक्खा लक्कड़ काट-काट…
प्रेम
मेरी लेखनी में अभी जंग लगा नहीं। प्रेम के सिवा दूजा कोई रंग चढ़ा नहीं। प्रेम में लिखता हूँ, प्रेम हेतु लिखता हूँ। प्रेम पर…
हे अटल! अटल रहो
अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर विशेष प्रस्तुति:- ********************************************* हे अटल ! अटल रहो यूँ ही हृदय में बसे रहो दिव्य ज्योति बनकर सदा…
कविता आत्मा की आवाज है
कुछ ऐसा लिखो कि लोग तुम्हें पढ़ें पढ़कर मन के भीतर नयी चेतना के बीज उगें। कुछ ऐसा लिखो कि सार्थक हो, शुद्ध हो तभी…
होली के त्यौहार पर प्रेम से मिलजुल कर रहने की और सुंदर साहित्य लिखने की प्रेरणा देती हुई कवि विवेक जी की बहुत सुंदर रचना
सही बात है, बहुत सुंदर पंक्तियाँ
अतिसुंदर
Great
प्रेम से मिलजुल कर काव्य लिखने को प्रोत्साहित करती कभी विवेक सिंघल जी की सुंदर रचना