Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
आशा जगाते रहूँ
गीत लिखते रहूँ मैं सुनाते रहूँ, सो गए को जगाते रहूँ। गर उठें भाव टूटन के मन में बन रबर मैं मिटाते रहूँ। निराशा हटाते…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
घर और खँडहर
घर और खँडहर ईटों और रिश्तों मैँ गुंध कर मकान पथरों का हो जाता घर ज्यों बालू , सीमेंट और पानी…
दो रूप न दिख पाऊँ
हाथी की तरह दो दांत मत देना मुझे प्रभो कि बाहर अलग, भीतर अलग। दो रूप न दिख पाऊँ। दो राह न चल पाऊँ। जैसा…
Wah
Good