ग़ज़ल-ऐ-शराब……
एक शराब की कहानी है ये
एक शराबी की जुबानी है ये
पीता है वो सुबह-शाम जी भर के
एक शराबी की ईमानदारी है ये
सुकून देती है ये बहुत दिल में जाने के बाद
एक शराबी की मन की मानी है ये
क्यों कोसते है अक्सर सभी इसको दुनिया में
एक शराबी की दिलबर जानी है ये
बहुत हँसीन पल हो जाते है इसको पीने के बाद
एक शराबी ने खुले-आम बात मानी है ये
Dev Kumar
nice
THanku Seema Ji
वाह वाह बहुत खूब
THanku Mithlesh Ji
nice
THanku
बेहतरीन सृजन
Thanku so so much MIthlesh JI
Good
सुन्दर रचना