ज़िन्दगी तू ही बता..
“साँस लेता हूँ फकत ये भी कोई कम तो नही,
ज़िंंदगी तू ही बता मुझपे तू सितम तो नही..
कभी पूछा न ज़माने के शरीफ लोगों ने,
‘दीवाने ये बता कि तुझको कोई गम तो नही?’
किया हमने ही उसकी बात का ऐतबार मगर,
उसका कहना कोई वादा या फिर कसम तो नही..
क्यूँ खुदा तक नही पहुँची मेरी सदा अब तक,
दुआ मुझसे ही चली मुझपे ही खतम तो नही..
तेरी आँखों में यकीनन कुछ चुभ रहा होगा,
वरना अब तक तो हुई आँखे तेरी नम तो नही..’
– प्रयाग धर्मानी
मायने :
फकत – सिर्फ
सदा – आवाज़
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Satish Pandey - August 20, 2020, 7:55 pm
अतिसुन्दर, वाह
Prayag Dharmani - August 20, 2020, 8:00 pm
🙏🙏
Chandra Pandey - August 20, 2020, 8:23 pm
Waah
Prayag Dharmani - August 20, 2020, 8:43 pm
🙏🙏
Geeta kumari - August 20, 2020, 9:01 pm
बहुत ही सुन्दर रचना
Prayag Dharmani - August 20, 2020, 9:08 pm
बहुत शुक्रिया आपका
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - August 20, 2020, 9:04 pm
Sunder
Prayag Dharmani - August 20, 2020, 9:07 pm
शुक्रिया जी
मोहन सिंह मानुष - August 20, 2020, 9:16 pm
बेहतरीन
Prayag Dharmani - August 20, 2020, 9:17 pm
शुक्रिया जी
Anu Singla - August 20, 2020, 9:35 pm
बहुत खूब
Prayag Dharmani - August 20, 2020, 9:47 pm
शुक्रिया