ज़िन्दगी तू ही बता..
“साँस लेता हूँ फकत ये भी कोई कम तो नही,
ज़िंंदगी तू ही बता मुझपे तू सितम तो नही..
कभी पूछा न ज़माने के शरीफ लोगों ने,
‘दीवाने ये बता कि तुझको कोई गम तो नही?’
किया हमने ही उसकी बात का ऐतबार मगर,
उसका कहना कोई वादा या फिर कसम तो नही..
क्यूँ खुदा तक नही पहुँची मेरी सदा अब तक,
दुआ मुझसे ही चली मुझपे ही खतम तो नही..
तेरी आँखों में यकीनन कुछ चुभ रहा होगा,
वरना अब तक तो हुई आँखे तेरी नम तो नही..’
– प्रयाग धर्मानी
मायने :
फकत – सिर्फ
सदा – आवाज़
अतिसुन्दर, वाह
🙏🙏
Waah
🙏🙏
बहुत ही सुन्दर रचना
बहुत शुक्रिया आपका
Sunder
शुक्रिया जी
बेहतरीन
शुक्रिया जी
बहुत खूब
शुक्रिया