एक दिन
वतन फ़रामोश तेरा अंतिम घड़ी एक दिन आएगा।
तेरी चौड़ी छाती पे देखना, हमारा तिरंगा फहराएगा।।
बहुत सह लिए तेरा जुर्म एक दिन फैसला हो जाएगा।
सुभाष भगत आज़ाद की दास्तान मेरा पंजा बताएगा।।
फौलादी दिल में एक दिन देखना शोला ले लेगा जन्म । तिरंगा की कसम आज नहीं तो कल फैसला हो जाएगा।।
अमितजी कविता अच्छी है।
पर कैटेगरी गलत है।
जी,,,, समझ गया। धन्यवाद।
Very Nice
शुक्रिया।
Nyc
रचना अच्छी परंतु त्रुटियाँ हैं परंतु पंक्तिबद्धता अशुद्ध है
वाह वर्तनी जांच ले
जय भारत
देशभक्ति से ओतप्रोत कविता