दुनिया की शोर में

November 8, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

इस दुनिया की शोर में,
जब तुमसा कोई मिल जाता है,
कुछ बाते हो या न हो,
दिल जरू बेहल जाता है ।